भाव पल्लवन की तीन विशेषताएं लिखिए? | Bhav Pallavan Ki Tin Visestaye Likhiye?
भाव पल्लवन की तीन विशेषताएं लिखिए: भाव पल्लवन की मुख्य तीन विशेषताएं है, जोकि कल्पनाएँ, शब्दावली और स्पष्टता है. इसके अलावा और भी इसकी विशेषताएं है. जोकि इन्ही 3 विशेषताओं के अंतगर्त आती है.
जैसा की आप सभी को पता ही है की सदियों से हमारे प्रथ्वी पर कई सारे कवी मौजूद रहे है, जिन्होंने अपनी कल्पनाओं के जरिये ही हमारे धार्मिक ग्रंथों को एक नया नाम दिया है. क्युकी शुरूआती दौर में ऋषि मुनियों के समय संस्कृत ही चला करती थी और जिसमे सभी चीज़ों के भाव को व्यक्त करने के लिए श्लोकों का सहारा लिया जाता था. जिसका उदाहरण भगवत गीता, वेद, कुरान आदि है. इन सभी के भावों को व्यक्त करने के लिए भाव पल्लवन का ही इस्तेमाल किया गया है.
Topic List
भाव पल्लवन की तीन विशेषताएं लिखिए?
लेकिन समय के साथ ही साथ हम सभी इतने ज्यादा अपडेट ही चुके है की अब हम इन कवितओं को ना के बराबर ही सुनते है लेकिन इसकी जगह हम सभी सोंग्स व् मूवीज देखना पसंद करते है, लेकिन क्या आपको पता है की इन सभी चीजों में भाव पल्लवन का ही इस्तेमाल होता है. जिसको हम आज के समय Ryming और Story Telling के नाम से जानते है.
अगर अभी भी आपको नहीं पता लगा की भाव पल्लवन क्या होते हैं और Bhav Pallavan Ki Tin Visestaye Likhiye तो ये पोस्ट खास आपके लिए ही है. जहाँ पर हम आपको आसान शब्दों में भाव पल्लवन से जुड़े सभी सवालों के बारे में बारीकी से बताएगें. इसलिए आप हमारे साथ इस पोस्ट में शुरू से लेकर अंत तक जरुर बने रहे.
भाव पल्लवन क्या होते हैं?
छंद व् दोहावली के भाव हो विस्तार के साथ लिखने या किसी को समझाने के भाव को ही हम भाव पल्लवन कहते है. लेकिन याद रहे छंद, दोहावली, उक्ति, रस आदि ये सभी एक ही होते है, जब तक की ये विस्तार से लिखे जा रहे होते है, लेकिन अगर ये विस्तार रूप से नहीं लिखे गये तो ये सभी अलग अलग ही रहेगें. अगर सीधी भाषा में कहा जाए तो किसी भी छंद या रस को संक्षित रूप से बयान करने की प्रक्रिया को ही भाव पल्लवन कहा जाता है.
चलो हम इसको एक एक्साम्प्ल के साथ समझते है:-
काल करे, सो आज कर, आज करे सो अब.
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब.
Explanation – जो काम कल करना है, उस काम को आज और अभी से शुरू कर दो, क्युकी कब क्या हो, किसी का कुछ पता नहीं. इसलिए जल्दी से अभी के अभी उस काम को शुरू कर दो.
अभी हमने जो दोहे का example दिया है और उसका Explanation किया है, उस पुरे प्रोसेस को ही भाव पल्लवन कहते है.
भाव पल्लवन की तीन विशेषताएं लिखिए?
भाव पल्लवन की 3 विशेषताएं के अलावा और भी विशेषताएं है, लेकिन हम आपको खास 3 विशेषताओं के के बारे में बताएगें. जिसके लिए आप निचे दिए गये पॉइंट्स को पढ़ सकते हो.
कल्पनाएँ:
पल्लवन के समय कवी अपनी इच्छाओं को मद्देनजर रखते हुए अपनी कल्पनाओं के सहारे कविताओं को एक नया रूप देता है, जिसमे वो सामने वाले की खूबी को देखते हुए भाव व्यक्त करता है. लेकिन इसके अंदर भी एक निर्धारित सीमा तक ही कवी अपनी कल्पनाओं को पल्लवन के रुप में ढालता है. जिससे की उसमे सही से भाव व्यक्त किया जा सके.
यह भी पढ़े: Desh Ki Pahli Relgadi Kab or Kaha Chali Gayi Thi?
यह भी पढ़े: Live Followers Count Instagram, Facebook, Youtube ?
शब्दावली:
कवी अपने भाव को व्यक्त करते समय अपनी कल्पनाओं को एक अर्थ प्रदान करता है. जिससे की उसको अच्छे से समझा जा सके. ऐसे में लेखक अपने शब्दों का बहुत सोच समझ कर चयन करता है. जिससे की उसकी बातों में तर्क दिखाई दे. क्युकी अगर ऐसा नहीं होता है तो उसकी भाव पल्लवन कविता किसी भी काम की नहीं होगी, क्युकी किसी भी कविता, कहानी और सार में सबसे महत्वपूर्ण उसकी शब्दावली ही होती है.
स्पष्टता:
जब भी कोई कवी किसी कविता को लिखता है तो उसकी कही गयी बातों में स्पष्टता होनी जरुरी होती है. ऐसे में सामने वाले को कभी ये ना फील हो की आप अपने फोकस बिंदु से हट गये हो. क्युकी भाव पल्लवन का यही मतलब होता है की किसी स्पेशल एक बिंदु के उपर ध्यान केन्द्रित रखते हुए विचार, छंदी, लोकोक्ति या फिर रस आदि को संछिप्त रूप से प्रस्तुत करना होता है.
नोट: याद रहे भाव पल्लवन का सीधा सा मतलब अपने विचार के जरिये एक काव्य रूप में उसकी खूबियों और उसके आचरण को व्यक्त करना ही भाव पल्लवन कहलाता है. इसमें फरक नहीं पड़ता की आप क्या लिख रहे हो, क्युकी कोई ग्रन्थ हो या फिर कोई कविता व् छंद. सभी के अंदर भाव पल्लवन प्रक्रिया को इस्तेमाल किया जाता है.
पल्लवन और भावार्थ में क्या अंतर है?
जैसा की आप सभी ने अभी भाव पल्लवन क्या है इसके बारे में जाना है लेकिन क्या आपको पता है की पल्लवन और भावार्थ में क्या अंतर है. अगर आपको नहीं पता है तो आप निचे बताये गये अंतर को पढ़ सकते हो.
पल्लवन:
पल्लवन का मतलब किसी कविता, छंद की विस्तारपूर्वक व्याख्या करना होता है. जिससे की आपके विचार कम शब्दों में और एकदम सरलतापूर्वक विस्तरीत हो जाए. उसको ही पल्लवन कहा जाता है.
भावार्थ:
इसका मतलब आपको अपने विचार के अंदर एक भाव व्यक्त करना होता है, जिसको हम रस कहते है. अगर आप फिर से कंफ्यूज हो गये हो तो हम आपको बता दे रस का मतलब आप अपनी कविता या सार के अंदर Feelings को ऐड करना होता है. जिससे की सामने वाला आपके पल्लवन के साथ एकदम connect हो सके. भावार्थ कहलाता है. इसके साथ ही साथ आपको अपने शब्दों में तर्क को भी ऐड करना होता है. जिससे की आपकी बातों में originality दिखाई दे.
निष्कर्ष:- भाव पल्लवन की तीन विशेषताएं लिखिए?
हमे उम्मीद है की आपको भाव पल्लवन क्या होते हैं और Bhav pallavan ki tin visestaye likhiye से जुडी जानकारी अच्छे से समझ आई होगी. अगर अभी भी आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट्स में बता सकते हो. हम आपके सभी सवालों का जवाब देने में आपकी मदद करेगें.