Desh Ki Pahli Relgadi Kab or Kaha Chali Gayi Thi | देश की पहली रेलगाड़ी कब और कहां तक चलाई गई थी?
Desh Ki Pahli Relgadi Kab or Kaha Chali Gayi Thi: भारत देश की पहली पैसेंजर ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को मुंबई में स्थित बोरीबंदर से लेकर ठाणे तक चलाई गयी और आज के समय बोरीबंदर स्टेशन को छत्रपति शिवाजी टर्मिनल के नाम से जानते है.
जैसा की आप सभी को पता ही है की ट्रेन के आने से हमारे देश की प्रगति पहले से कही ज्यादा तेज़ हो गयी है और उसके बाद ही धीरे धीरे और भी यातायात के साधन आये है. जिसके चलते अब हमारे देश से दुसरे देश जाना और भी ज्यादा आसान हो चूका है.
लेकिन अगर हमारे भारत देश में ट्रेन ही ना आई होती, तो शायद ही हम कभी ग्रो कर पाते, क्युकी शुरूआती के दौर में सभी बड़े बड़े बिज़नेस के material को इसी ट्रेन की मदद से ही इसके कच्चे माल को एक जगह से दुसरे जगह पर ले जाया गया है. जिसके बाद ही आज के समय हमारे देश में बिज़नेस मौजूद है. लेकिन क्या आपको पता है की ट्रेन की शुरुआत कैसे हुई और देश की पहली रेलगाड़ी कब और कहां तक चलाई गई थी.
अगर ये आपको भी नहीं पता है तो ये पोस्ट खास आपके लिए ही है. जहाँ पर हम आपको पहली ट्रेन का नाम क्या था और देश की पहली रेलगाड़ी कब और कहां तक चलाई गई थी इन सभी सवालों के बारे में जानेगें. इसलिए आप हमारे साथ इस पोस्ट में शुरू से लेकर अंत तक जरुर बने रहे, तो आते है सीधे मुद्दे पर और जानते है की भारत की पहली रेलगाड़ी कहां से कहां तक चलाई गई थी.
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Desh Ki Pahli Relgadi Kab or Kaha Chali Gayi Thi ?
भारत देश की पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को मुंबई में स्थित बोरीबंदर से लेकर ठाणे तक चलाई गयी और आज के समय बोरीबंदर को छत्रपति शिवाजी टर्मिनल के नाम से जानते है. यदि हम इस ट्रेन के नाम की बात करे तो ट्रेन का नाम डेक्कन क्वीन था, जिसमे कुल 14 ही डिब्बे थे और उन 14 डिब्बों की मदद से लगभग 400 व्यक्तियों ने यात्रा की थी.
जिसकी दुरी छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से ठाणे तक लगभग 35 किलोमीटर की थी और इस रेलगाड़ी को छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से 3 बजकर 35 मिनट पर रवाना किया गया था जोकि ठाणे में लगभग 4 बजकर 35 मिनट पर पहुचीं थी.
ट्रेन की शुरुआत कैसे हुई ?
जब हमारे देश में अंग्रेजो का दबदबा था और उस समय कोई भी यातायात के साधन संभव नहीं हुआ करते थे, जिससे की माल को एक जगह से दुसरे देश ले जाया जा सके. इस समय तक ब्रिटेन में ट्रेन का संचालन हो चूका था. जिसके बाद 1832 में अंग्रेजों ने ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी के साथ मिलकर गवर्नर-जनरल लॉर्ड हार्डिंग के सामने रेल प्रणाली की स्थापना का प्रस्ताव रखा, लेकिन इस प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया गया.
परन्तु 1836 में रेलवे की स्थापना के लिए परमिशन दे दी गयी. जिसके बाद पहली बार पहली ट्रेन 1837 में चलाई गयी. जिसका नाम Red Hill Railway था, जिसका काम सिर्फ माल को ही एक जगह से दुसरे जगह तक ढोने का था, ये रेलगाड़ी पैसेंजर के लिए नहीं थी.
लेकिन जरुरत को देखते हुए 1845 में दो कंपनियों का गठन किया गया, जिसमे से पहली कंपनी का नाम ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी था और दूसरी कंपनी ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे था. जिन्होंने मिलकर पैसेंजर ट्रेन के उपर काम शुरू कर दिया और 16 अप्रैल 1853 को पहली बार पैसेंजर ट्रेन चलाई गयी. जिसमे 3 इंजनो का इस्तेमाल किया गया था.
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भारत की पहली ट्रेन का नाम क्या था ?
भारत की पहली ट्रेन एक माल गाड़ी थी और उसका नाम Red Hill था, जिसको 1836 में चलाया गया था, अगर हम पैसेंजर ट्रेन की बात करे तो पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को चलाई गयी, जिसका नाम डेक्कन क्वीन था.
F&Q in Hindi
भारत की सबसे पहली ट्रेन का नाम Red Hill था, जोकि एक माल गाडी थी और अगर हम पहली पैसेंजर ट्रेन की बात करे तो उसका नाम डेक्कन क्वीन था.
भारत में पहली माल गाडी 1836 को चलाई गयी थी और अगर हम पैसेंजर ट्रेन की बात करे तो इसको 16 अप्रैल 1853 को चलाया गया.
विश्व की पहली ट्रेन 1830 में Charleston से South Carolina के Hamburg तक चलाई गयी थी. जिसका नाम The Best Friend of Charleston था.
रेलगाड़ी का दूसरा नाम लौह पथ गामिनी है, जोकि हिंदी नाम है. इसको अंग्रेजी में ट्रेन कह सकते हो.
निष्कर्ष – Desh Ki Pahli Relgadi Kab or Kaha Chali Gayi Thi
हमे उम्मीद है की आपको देश की पहली रेलगाड़ी कब और कहां तक चलाई गई थी और भारत की पहली ट्रेन का नाम क्या था इन सभी सवालों के बारे में अच्छे से जानकारी मिल सकी होगी. अगर अभी भी आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट्स में बता सकते हो. हम आपके सभी सवालों का जवाब देने में आपकी मदद करेगें.
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