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Kya Paitrak Sampati Ki Vasiyat Ki Jaa Sakati Hai | क्या पैतृक संपत्ति की वसीयत की जा सकती है ?

Kya Paitrak Sampati Ki Vasiyat Ki Jaa Sakati Hai:- जी हाँ, पैतृक संपत्ति की वसीयत की जा सकती है, जोकि इसके उपर आपके पूर्वजों का पूरा अधिकार है. क्युकी ये सम्पत्ति उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से इक्कठी की है. अगर वो चाहे तो अपने हिसाब से इस जमीन का बटवारा भी कर सकते है. जिसके लिए उनको क़ानूनी प्रक्रिया की मदद से रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और उसके बाद वो जिसको जितना चाहे, उतना दे सकते है और फिर उसी वसीयत के अनुसार मुखिया की मृत्यु के पश्चात बटवारा किया जाता है. जैसा की उनके पूर्वज उनको वसीयत में देकर गये थे.

सदियों से जमीन जायदाद को लेकर कई सारे वाद विवाद होते आ रहे है और शायद आगे भी होते ही रहेगें और ऐसे में घर का मुखिया इन सभी चीजों के छुटकारा पाने के लिए अपनी मृत्यु से पहले ही वसीयतनामा करवा देते है. जिससे की उनकी मृत्यु के पश्चात उनकी संपत्ति को लेकर उनके परिवार में कोई भी वाद विवाद ना हो. जिसके कारन ही लोग अपनी संपत्ति का वसीयतनामा करवाते है.

Kya Paitrak Sampati Ki Vasiyat Ki Jaa Sakati Hai
Kya Paitrak Sampati Ki Vasiyat Ki Jaa Sakati Hai

अगर फिर भी आपके मन में यही सब सवाल गूंज रहे है की पैतृक संपत्ति क्या होती है और क्या पैतृक संपत्ति की वसीयत की जा सकती है तो ये पोस्ट खास आपके लिए ही है. जहाँ पर हम आपको आसान शब्दों में पैतृक संपत्ति से जुड़े सभी सवालों के जवाब देंगे. इसलिए आप हमारे साथ इस पोस्ट में शुरू से लेकर अंत तक जरुर बने रहे, तो आते है सीधे मुद्दे पर और जानते है पैतृक संपत्ति क्या होती है.

पैतृक संपत्ति क्या होती है ?

यह वह संपत्ति होती है, जोकि आपके पूर्वजों द्वारा अर्जित की गयी होती है. यानि की उन्होंने अपने खून पसीने की कमाई से इकट्ठी की है. जिसको घर के मुखिया द्वारा कण्ट्रोल किया जाता है, जैसे की आपके दादा जी व् पिता जी द्वारा कमाई गयी संपत्ति. उनके पास जोभी संपत्ति है वो पैतृक सम्पत्ति ही है. इसमें फर्क नहीं पड़ता की उनकी सम्पत्ति में जमीन या फिर सोना चांदी व् अन्य प्रकार के जेवरात आदि मौजूद हो. वो सभी पैतृक संपत्ति में ही शामिल होता है.

वसीयत क्या होती है ?

जब किसी के घर का मुखिया मर जाता है और वो अपने मृत्यु से पहले किसको कितनी संपत्ति प्रदान करनी है, वह लिख देता है यानि की अपनी सम्पत्ति अपने घर परिवार से सदस्यों के नाम पर पहले ही कर देता है तो उसको ही वसीयतनामा कहा जाता है. वसीयतनामा के अंतगर्त मुखिया को अपनी वसीयत दुसरे के नाम करने के लिए क़ानूनी दस्तावेज तैयार करवाने होते है. जिसमे किसके नाम पर कितनी संपत्ति है और उसका बटवारा कर दिया गया है. वो सब कुछ मौजूद होता है.

जोकि लीगली ये साबित करने में मदद करता है की आपके पूर्वजो की संपत्ति आपके नाम के अलावा और किस किस के नाम पर है और वो लीगल तरीके से आपके पूर्वजों के सम्पत्ति के मालिक है. जिसके चलते हम इसको विरासत के नाम से जानते है.

Kya Paitrak Sampati Ki Vasiyat Ki Jaa Sakati Hai?

जी हाँ, भारतीय वसीयत अधिनियम 1956 के तहत पैतृक संपत्ति की वसीयत की जा सकती है, क्युकी पैतृक संपत्ति वह संपत्ति है, जोकि आपके पूर्वजों की है और उनके मृत्यु के पश्चात ये संपत्ति उनके परिवार वालों सँभालने का अधिकार प्रदान किया जाता है. पैतृक संपत्ति सिर्फ पूर्वजों के करीबी लोगो को ही मिलती है.

यदि हम इसको आसान शब्दों में कहे तो यह संपत्ति मृतक के परिवार के स्वामित्व में चली जाती है फिर उसके उत्तराधिकारी उनके बच्चे ही होते है. यदि मृतक ने पहले से ही वसीयत करवा रखी है तो ये संपत्ति सिर्फ उसी के नाम पर जायेगी, जिसका वसीयत में नाम लिखा जा चूका है और जिसको जितना लिखा है उतना ही मिलेगा. इसमें कोई भी भेदभाव या बईमानी नहीं कर सकता. क्युकी ये सब एक क़ानूनी प्रक्रिया द्वारा ही किया जाता है.

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पैतृक संपत्ति की वसीयत किसके नाम लिखी जाती है ?

पैतृक संपत्ति ही एक ऐसी संपत्ति है, जिसके उपर कोई और व्यक्ति अपनी मर्ज़ी से कब्ज़ा नहीं कर सकता है. इसमें इस संपत्ति के सिर्फ वही मालिक होते है, जिसके पूर्वजों के पास संपत्ति हो, यानि की अगर आपके पूर्वजो के पास संपत्ति है तो इसके मालिक सिर्फ आप ही होंगे. इसके अलवा इसका उत्तरदायित्व किसी और के पास नहीं होगा. जिसके चलते उनके पूर्वजों की विरासत सिर्फ उनके परिवार वालो के नाम पर ही की जाती है. जिसके लिए पहले उनको अपनी वसीयत दर्ज करवानी पड़ती है.

निष्कर्ष – Kya Paitrak Sampati Ki Vasiyat Ki Jaa Sakati Hai

हमे उम्मीद है की आपको पैतृक संपत्ति क्या होती है और आपको क्या पैतृक संपत्ति की वसीयत की जा सकती है के बारे में अच्छे से जानकारी मिल सकी होगी. अगर अभी भी आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई भी सवाल हो तो आप हमे कमेंट्स में बता सकते हो. हमे आपके सभी सवालों का जवाब देते हुए बहुत ख़ुशी होती है.

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